Saraswati mata aarti: ऐसे करें सरस्‍वती माता की आरती

Authored byगीतिका दुबे |नवभारतटाइम्स.कॉम
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saraswati mataji ki aarti
बसंत पंचमी पर आरती जय सरस्वती माता की

ॐ जय
सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
चंद्रवदनि पद्मासिनी, ध्रुति मंगलकारी।
सोहें शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी॥ जय…..

बाएं कर में वीणा, दाएं कर में माला।
शीश मुकुट मणी सोहें, गल मोतियन माला ॥ जय…..

देवी शरण जो आएं, उनका उद्धार किया।
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥ जय…..

विद्या ज्ञान प्रदायिनी, ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह, अज्ञान, तिमिर का जग से नाश करो ॥ जय…..

धूप, दीप, फल, मेवा मां स्वीकार करो।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥ जय…..

मां सरस्वती की आरती जो कोई जन गावें।
हितकारी, सुखकारी, ज्ञान भक्ती पावें ॥ जय…..

जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय…..

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ।
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय…..
    गीतिका दुबे

    लेखक के बारे मेंगीतिका दुबे गीतिका दुबे का बतौर पत्रकार करियर 11 साल का है। वह ज्योतिष विद्या में ग्रह गोचर, टैरो, अंक ज्योतिष पर 6 साल से काम कर रह रही हैं। धार्मिक विषयों पर भी इनका ज्ञान समृद्ध है। इन्होंने गरुड़ पुराण, विष्णु पुराण, शिव पुराण, मत्स्य पुराण, भविष्य पुराण सहित वास्तु विज्ञान का गहरा अध्ययन किया है। और अब इससे जनमानस को लाभ दिला रही हैं। खाली वक्त में इन्‍हें यात्रा करना और संगीत सुनना पसंद है। प्रेरक कथाएं पढ़ना भी इनको पसंद है। भगवान शिव और भगवान राम की लीला कथाओं का अध्ययन और उनका विश्लेषण करना इनका प्रमुख और प्रिय विषय है।... और पढ़ें

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