इस साल फरवरी से लेकर अब तक रिजर्व बैंक ब्याज दरों में 100 बेसिस पॉइंट्स की कटौती कर चुका है। जानकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में और कटौती कर सकता है। ऐसे में जहां लोन लेने वालों को और राहत मिलेगी, वहीं निवेश की योजनाएं खतरे में आ सकती हैं।

कटौती से किसे ज्यादा फायदा?
ब्याज दरों में कटौती से लोन लेने वालों को ज्यादा फायदा होगा। दिल्ली-एनसीआर जैसे शहरों में आज भी काफी लोग अपना आशियाना लोन पर ही खरीदते हैं। इनमें भी ज्यादातर नौकरीपेशा वाले लोग होते हैं जो लोन की रकम को ईएमआई में चुकाते हैं। हाल ही में कई बैंकों की होम लोन की दर 9 फीसदी को पार कर गई थी। ऐसे में होम लोन लेना काफी महंगा पड़ रहा था। लेकिन ब्याज दर में कटौती से इसमें राहत मिलेगी।जेन जेड ने बदला होम लोन का ट्रेंड
जेन जेड ने होम लोन का ट्रेंड बदल दिया है। जेन जेड में 28 साल की उम्र तक के युवा आते हैं। इस उम्र के युवा जॉब लगने के कुछ ही समय बाद अपना घर होम लोन लेकर खरीद रहे हैं। रियल एस्टेट कंसल्टेंसी नाइट फ्रैंक इंडिया के सर्वे के मुताबिक जेन जेड के घर खरीदने का समय मिलेनियल्स (29 से 43 साल के लोग) के मुकाबले 5 से 6 साल पहले का है। यानी जेन जेड मिलेनियल्स के मुकाबले 5-6 साल पहले घर खरीद रही है।इस ट्रेंड में जेन जेड घर खरीदने के लिए होम लोन पर ज्यादा निर्भर है। सर्वे में बताया गया है कि जेन जेड के 36 फीसदी से ज्यादा लोग अपना घर खरीदना चाहते हैं। यह सभी आयु वर्ग में सबसे ज्यादा है। ऐसे में होम लोन सस्ता होने से इनके घर खरीदने की संख्या में भी तेजी आ सकती है।
कितनी कम होगी ईएमआई?
ब्याज दरों में कमी से होम लोन की ईएमआई में कमी आएगी। मान लीजिए कि आपको किसी बैंक से 50 लाख रुपये का होम लोन 9 फीसदी की ब्याज दर पर लिया था। ऐसे में आप 40,231 रुपये की ईएमआई दे रहे होंगे। अब ब्याज दर में 50 बेसिस पॉइंट की कमी हो गई है। ऐसे में आपकी ईएमआई भी कम हो जाएगी। ब्याज दर में कटौती के बाद अब आपको 38,446 रुपये की ईएमआई ही देनी होगी। यानी आपको 1785 रुपये महीने की बचत होगी।
मकान बिक्री की संख्या बढ़ी
भारत में मकानों की बिक्री की संख्या काफी बढ़ गई है। नाइट फ्रैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2024 की दूसरी छमाही में देश के 8 प्रमुख शहरों (मुंबई, एनसीआर, बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद, अहमदाबाद, कोलकाता और चेन्नई) में 189,535 मकान लॉन्च किए गए। इसमें साल-दर-साल आधार पर 6.85% की तेजी आई है।कार लोन की संख्या भी कम नहीं
ऐसा नहीं है कि लोग सिर्फ मकान ही लोन पर खरीद रहे हैं। कार या कोई दूसरा व्हीकल भी लोन पर खरीदने वालों की संख्या कम नहीं है। Jato Dynamics के डेटा के मुताबिक साल 2023 में 77 से 80 फीसदी वाहन लोन पर खरीदे गए। व्हीकल लोन देने में बैंक के साथ-साथ एनबीएफसी भी आगे रहीं। लोन पर सबसे ज्यादा व्हीकल छोटे शहरों में लिए गए। वहीं बात अगर कमर्शियल व्हीकल की करें तो यह आंकड़ा करीब 100 फीसदी है। यानी सारे कमर्शियल व्हीकल लोन पर ही दिए गए। अब ब्याज दर में कमी आने से लोन पर व्हीकल लेने वालों की संख्या में और इजाफा हो सकता है।क्या मकान खरीदने का अच्छा समय?
मकान खरीदना लोग एक तरह का निवेश भी मानते हैं। ऐसा निवेश जिसकी कीमत बढ़ती जाती है। कोरोना के बाद प्रॉपर्टी की कीमत तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में जानकारों का मानना है कि ब्याज दर में कटौती के बाद मकान खरीदने का यह अच्छा समय है।पैसाबाजार की सीईओ संतोष अग्रवाल के मुताबिक अगर आप लोन पर घर या कार खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो देरी न करें। बैंकों को लोन की ब्याज दर कम करने में थोड़ा समय लग सकता है। ऐसे में आपको पास सस्ते लोन पर चीजें खरीदने का विकल्प होगा। संतोष अग्रवाल ने बताया कि अगर आप इस उम्मीद में रहते हैं कि रिजर्व बैंक ब्याज दर अभी और कम करेगा तभी घर या कार खरीदेंगे, तो ऐसा करने से बचें। वहीं जो लोग अभी लोन की ज्यादा ईएमआई चुका रहे हैं इसमें उन्हें परेशानी हो रही है तो लोन की बकाया रकम दूसरे बैंक से लोन लेकर चुका सकते हैं। ऐसे में आपको नए बैंक से लोन कम ब्याज दर पर मिल जाएगा और लोन चुकाने का समय भी ज्यादा मिलेगा। इससे ईएमआई का बोझ भी हल्का होगा।
निवेश करने वाले दुखी
ब्याज दर में कटौती से जहां लोन लेने वाले खुश हैं, वहीं निवेश करने वाले दुखी नजर आ रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को है तो एफडी में निवेश करते हैं।दरअसल, एफडी में निवेश को सुरक्षित माना जाता है। इसमें एक तय ब्याज पर रिटर्न मिलता है। हालांकि कई बार इसमें मिलने वाली कम ब्याज दर पर सवाल उठते रहे हैं, इसके बावजूद एफडी में निवेश करने वालों की संख्या में कमी नहीं आई। एफडी में निवेश करने में महिलाओं की संख्या भी काफी ज्यादा है। चूंकि अब ब्याज दरों में कटौती हो गई है, ऐसे में एफडी पर और कम दर से रिटर्न मिलेगा।
एफडी पर कितना ब्याज?
इस समय एफडी पर बैंक 6.90 फीसदी से 7.50 फीसदी के बीच सालाना ब्याज दे रहे हैं। हालांकि कुछ छोटे बैंकों की सालाना ब्याज दर अभी भी 8 फीसदी या इससे कुछ ज्यादा है। लेकिन यह ब्याज दर ज्यादा समय तक इतनी नहीं रहेगी। जल्दी ही इसमें भारी कटौती देखने को मिलेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है।एफडी पर पहले सालाना ब्याज दर 10 फीसदी से ज्यादा हुआ करती थी। 1990 के बाद एक समय ऐसा भी आया जब एफडी पर अधिकतम ब्याज दर 13.50 फीसदी हो गई थी। ऐसे में इसमें निवेश करने वालों की संख्या काफी बढ़ गई थी। आज के समय कम ब्याज दर के कारण काफी निवेशक एफडी से दूर हो रहे हैं।

कम ब्याज के बाद भी बना है आकर्षण
फाइनेंशियल एक्सपर्ट रोहित शर्मा बताते हैं कि ब्याज दर कम होने के बावजूद एफडी में निवेशकों का भरोसा कम नहीं हो रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण एफडी का रिस्क-फ्री इन्वेस्टमेंट होना है। यानी एफडी में जमा रकम पर एक फिक्स ब्याज दर का रिटर्न मिलता है और इसमें कोई रिस्क भी नहीं होता।रोहित के मुताबिक शेयर मार्केट या म्यूचुअल फंड में निवेश करना काफी रिस्क भरा होता है। इसमें बेशक एफडी से ज्यादा रिटर्न मिलने की उम्मीद होती हो, लेकिन पैसा डूबने का भी खतरा होता है। वहीं आज भी काफी लोग शेयर मार्केट या म्यूचुअल फंड में निवेश करना नहीं जानते। रोहित बताते हैं कि छोटे शहरों और गांवों के ज्यादातर लोग आज भी अपने नजदीकी बैंकों में एफडी में निवेश करना पसंद करते हैं।