'इंडिया' से पूरी तरह से अलग हुई 'आप'
AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शुक्रवार को पार्टी के इंडिया ब्लॉक से अलग होने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि पार्टी शनिवार को होने वाली I.N.D.I.A. की ऑनलाइन मीटिंग में हिस्सा नहीं लेगी। संजय सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से साफ कहा, 'हम मीटिंग में नहीं जाएंगे। हम INDIA ब्लॉक का हिस्सा नहीं हैं। यह गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए था।' रविवार को पार्टी के एक और नेता सौरभ भारद्वाज ने भी यह स्टैंड दोहराया है।'आप' से झटका खाकर कंफ्यूज्ड है कांग्रेस
अरविंद केजरीवाल की पार्टी के इस स्टैंड पर कांग्रेस पूरी तरह से कंफ्यूज्ड नजर आ रही है। पार्टी सांसद और कांग्रेस के सबसे बड़े प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा है, "मैं इसपर कुछ कहने वाला नहीं हूं...निमंत्रण तो सभी इंडिया गठबंधन के सहयोगियों को गया है...जो आना चाहते हैं, आएंगे...जो अपने आप को अलग रखना चाहते हैं, वो अलग रखेंगे। मैं उसपर कुछ और नहीं कहूंगा..जो लोग आएंगे..आएंगे और एक सामूहिक शक्ति हम दिखाएंगे।" वहीं कांग्रेस के ही एक और नेता उदित राज बोले, "देखिए बहुत साफ है कि आम आदमी पार्टी का जो जन्म हुआ है, वो आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी के कारण हुआ है.....इनकी विचारधारा आरएसएस-बीजेपी से मिलती-जुलती है...अरविंद केजरीवाल तो आरक्षण विरोधी शुरू से रहे हैं और दलित विरोधी रहे हैं...।"सीपीआई ने राहुल के रवैए पर उठाया सवाल
इस बीच द हिंदू में इंडिया ब्लॉक की एक प्रमुख सहयोगी सीपीआई को लेकर एक बड़ी खबर छपी है। इसमें पार्टी की ओर से जारी रिपोर्ट में 21 से 25 सितंबर को होने वाले पार्टी के बड़े कार्यक्रम से पहले की बातें सामने रखी गई हैं। इस रिपोर्ट में INDIA गठबंधन को लेकर सीपीआई का कहना है कि विपक्षी गठबंधन में कई पार्टियां हैं। इन पार्टियों की विचारधाराएं आपस में मेल नहीं खाती हैं। कई पार्टियां अपने हिसाब से काम करती हैं या एक दूसरे से मुकाबला करती हैं। इस वजह से गठबंधन उतना मजबूत नहीं बन पाया, जितना बन सकता था। इसलिए INDIA गठबंधन को ज्यादा सफलता नहीं मिली। रिपोर्ट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का भी जिक्र है। सीपीआई का कहना है कि राहुल गांधी ने केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया। वहां से सीपीआई का उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहा था। सीपीआई के अनुसार, यह फैसला विपक्ष की एकता के लिए ठीक नहीं था। पार्टी ने कहा, 'राहुल गांधी का वायनाड से चुनाव लड़ना एक ऐसी बाधा थी जिसे टाला जा सकता था।''कांग्रेस की जमीन बंजर,हाथ में बेवफाई का खंजर'
मुख्य विपक्षी गठबंधन की ऐसी हालत देखकर सत्ताधारी बीजेपी के तो दोनों हाथों में लड्डू आते महसूस हो रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठबीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, "उनके साथ जो लोग हैं, वे भी इस बात से सहमत हैं कि कांग्रेस की जमीन जरूर बंजर है,लेकिन उसके हाथ में बेवफाई का खंजर है...इसलिए इनका जो गठबंधन बनता है, वह बनने से पहले ही बिगड़ जाता है और लोग पतली गली से गायब हो जाते हैं। यूपीए के समय उलटा-पुलटा गठबंधन बना, फिर गायब हो गया...दूसरा बना तो दो दर्जन से ज्यादा दिखाई पड़ रहे थे, फिर धीरे-धीरे कम होते गए...लोग अच्छी तरह से समझते हैं कि कांग्रेस का जनाधार वेंटिलेटर पर है, लेकिन अहंकार अभी भी एक्सीलेटर पर है...। "