समय से पहले मेनोपॉज महिलाओं को अंदर से कर देता है खोखला, हड्डी से लेकर दिल तक पर पड़ता है असर

Authored byनंदिनी दुबे|नवभारतटाइम्स.कॉम
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​अधिकतर महिलाओं को एक तय उम्र तक पीरियड्स आते हैं, लेकिन अगर यह समय से पहले बंद हो जाएं, तो इससे उनके शरीर और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ सकता है। इसलिए औरतों को सलाह दी जाती हैं कि वे इस संबंध में सचेत रहें। 

premature menopause can weaken women from within affecting everything from bones to heart
समय से पहले मेनोपॉज या प्रीमैच्योर ओवेरियन फेल्योर (POF) महिलाओं की सेहत पर गहरा असर डाल सकता है। यह सिर्फ प्रेग्नेंसी से जुड़ी ही समस्या नहीं है, बल्कि इससे महिलाओं के फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इसी क्रम में में आज हम डॉ. कर्णिका तिवारी, जो नोएडा के मदरलैंड हॉस्पिटल में ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी विभाग की प्रमुख से जानेंगे कि समय से पहले रजोनिवृत्ति क्या होती है, इसके क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं और महिलाएं इससे कैसे निपट सकती हैं। आइए, चलते जानते हैं विस्तार से।

सभी तस्वीरें- सांकेतिक

प्रीमैच्योर ओवेरियन फेल्योर क्या हाेता है?

प्रीमैच्योर ओवेरियन फेल्योर क्या हाेता है?

जब किसी महिला में 40 साल की उम्र से पहले, अंडाशय (ओवरी) की हॉर्मोनल उत्पादन क्षमता कम होने लगती है और या तो मेनोपॉज आ जाता है या मासिक धर्म बंद हो जाता है, तो इसे समय से पहले रजोनिवृत्ति या प्रीमैच्योर ओवेरियन फेल्योर (पीओएफ) कहते हैं। सामान्यतः मेनोपॉज महिलाओं में लगभग 45-55 वर्ष के बीच होता है, लेकिन पीओएफ महिलाओं में यह जल्दी हो जाता है।

क्या पड़ता है प्रभाव

क्या पड़ता है प्रभाव

पीओएफ का सबसे प्रमुख असर है महिलाओं की प्रजनन क्षमता का कम होना या खत्म होना। इसका मतलब है कि वे गर्भधारण में कठिनाई महसूस कर सकती हैं या गर्भधारण दुर्लभ हो जाता है। लेकिन इसके अलावा इसके और भी कई पहलू होते हैं, जैसे हॉर्मोनल असंतुलन होने, इसमें अंडाशय कम एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन बनाते हैं, जो न केवल हार्मोनल बैलेंस बिगाड़ते हैं बल्कि हड्डियों के स्वास्थ्य, दिल की सेहत और मस्तिष्क के कार्यों को प्रभावित करते हैं।

हो जाती है हडिड्यां कमजोर

हो जाती है हडिड्यां कमजोर

एस्ट्रोजन की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, एस्ट्रोजन की कमी हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकती है क्योंकि यह रक्तवाहिकाओं की कार्यक्षमता प्रभावित करता है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बदल सकता है।

मेंटल हेल्थ भी होती है प्रभावित

मेंटल हेल्थ भी होती है प्रभावित

समय से पहले मेनोपॉज होने से महिलाओं के मेंटल हेल्थ पर भी इफेक्ट पड़ता है। पीओएफ से डिप्रेशन, चिंता, मूड स्विंग्स और नींद की समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसके अलावा, त्वचा और बालों की स्थिति पर भी प्रभाव पड़ता है, महिलाओं की त्वचा जल्दी बुढ़ाने लगती है और बाल गिरने या पतले होने लगते हैं।

वजह क्या है

वजह क्या है

समय से पहले मेनोपॉज की वजह क्या है पीओएफ के बहुत से कारण हो सकते हैं, जिनमें आनुवांशिक कारक, ऑटोइम्यून डिजीज, हार्मोनल असंतुलन, तनाव, विकिरण या कीमोथेरेपी, और कुछ पर्यावरणीय कारण शामिल हैं, ऐसे में सावधानी बहुत जरूरी है।

डाइट का रखें ध्यान

डाइट का रखें ध्यान

महिलाओं को एक स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए। इसमें पौष्टिक आहार लेना, जिसमें कैल्शियम और विटामिन डी शामिल हो, नियमित व्यायाम करना और तनाव कम करना शामिल है। मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि पी.ओ.एफ से डिप्रेशन, चिंता और मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके लिए परामर्श और सामाजिक समर्थन भी लिया जा सकता है।

समय-समय पर कराएं जांच

समय-समय पर कराएं जांच

समय से पहले रजोनिवृत्ति (पीओएफ) का सही इलाज करने के लिए महिलाओं को अपने डॉक्टर से हार्मोन टेस्ट और अंडाशय की जांच करानी चाहिए। यह जांच यह सुनिश्चित करती है कि अंडाशय में हॉर्मोन उत्पादन कम हो रहा है या बंद हो गया है। निदान के बाद, डॉक्टर अक्सर हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी ( एच.आर.टी ) की सलाह देते हैं, जो शरीर में घटे हुए एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन की पूर्ति करता है। इससे न केवल हड्डियों की मजबूती बनी रहती है, बल्कि हृदय रोगों का खतरा भी कम होता है और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

खुद की भी करनी चाहिए केयर

खुद की भी करनी चाहिए केयर

महिलाओं को अपनी त्वचा और बालों की देखभाल भी करनी चाहिए क्योंकि समय से पहले रजोनिवृत्ति के कारण त्वचा बुढ़ी लगने लगती है और बाल झड़ने लगते हैं। उचित स्किनकेयर, पोषण और डॉक्टर की सलाह से इन समस्याओं को कम किया जा सकता है। समय से पहले मेनोपॉज के बाद भी, उचित इलाज और जीवनशैली बदलाव के साथ महिलाएं स्वस्थ जीवन जी सकती हैं। इसलिए, अपने शरीर की सुनें, नियमित जांच कराएं और किसी भी असामान्य लक्षण पर डॉक्टर से संपर्क करें। सही जानकारी, देखभाल और उपचार से पी.ओ.एफ के दुष्परिणामों को काफी हद तक कम किया जा सकता है और बेहतर जीवन की ओर बढ़ा जा सकता है।

नंदिनी दुबे

लेखक के बारे मेंनंदिनी दुबेनंदिनी दुबे को पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 सालों से अधिक का अनुभव है। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की थी। इस दौरान वे एजुकेशन और महिलाओं से जुड़े मुद्दों को कवर किया करती थीं। पत्रकारिता के सफर में नंदिनी दैनिक जागरण, न्यूज 18 डिजिटल और जागरण न्यू मीडिया जैसे संस्थानों में काम कर चुकी हैं। वर्तमान में ये NBT के लाइफस्टाइल फैमिली सेक्शन में बतौर प्रिंसिपल डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर कार्यरत हैं। वे यहां फैमिली सेक्शन देख रही हैं। इन्‍हें पेरेंटिंग, मदरहुड, फादरहुड और प्रेग्नेंसी से जुड़े अलग-अलग विषयों पर लिखना और अपने लेखों से लोगों को जानकारी देना पसंद है।... और पढ़ें

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