नर्सरी एडमिशन: EWS/DG बच्चों को अभी और करना होगा इंतजार

Authored byकात्यायनी उप्रेती|नवभारत टाइम्स
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शिक्षा निदेशालय के डिप्टी डायरेक्टर, एजुकेशन (प्राइवेट ब्रांच) योगेश पाल सिंह कहते हैं, कोविड की वजह से सभी प्राइवेट स्कूल भी बंद हैं और इसी वजह EWS/DG कैटिगरी के एडमिशन नहीं हो पा रहे हैं। हम अगर अभी ड्रॉ निकाल भी देंगे तो पैरंट्स एडमिशन के लिए स्कूल नहीं जा पाएंगे।

हाइलाइट्स

  • 50 हजार सीटों के लिए मिले हैं करीब 1 लाख आवेदन
  • जून में पहला कंप्यूटराइज्ड ड्रॉ का शेड्यूल तय होगा
  • इस बार नर्सरी की सीटें कुछ फेज में भरी जाएंगी
  • पहले कंप्यूटराइज्ड ड्रॉ में 50% सीटों का ड्रॉ होगा
NURSERY
फाइल फोटो
नई दिल्ली: प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी, केजी और क्लास 1 की EWS/DG कैटिगरी की सीटों के लिए दिल्ली सरकार को करीब 1 लाख ऐप्लिकेशन मिली हैं। जहां जनरल कैटिगरी के लिए नया सेशन 1 अप्रैल से ऑनलाइन मोड में शुरू हो चुका है, वहीं इकनॉमिकली वीकर सेक्शन/डिसएडवांटेज ग्रुप (EWS/DG) और दिव्यांग बच्चों के लिए इस साल भी अकैडमिक सेशन काफी लेट है। एडमिशन के लिए इन बच्चों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। शिक्षा निदेशालय का कहना है कि जून में कोविड की स्थिति की समीक्षा करने के बाद ही पहला कंप्यूटराइज्ड ड्रॉ का शेड्यूल तय किया जाएगा। साथ ही, निदेशालय स्कूल खोलने का भी इंतजार कर रहा है, इस हिसाब से अगले महीने ही पहला कंप्यूटराइज्ड ड्रॉ होने की उम्मीद है।
करीब 50 हजार सीटों के लिए एडमिशन होंगे। अधिकारियों का कहना है कि इस बार नर्सरी की सीटें कुछ फेज में भरी जाएंगी। पहले कंप्यूटराइज्ड ड्रॉ में 50% सीटों पर ड्रॉ निकाला जाएगा।

शिक्षा निदेशालय के डिप्टी डायरेक्टर, एजुकेशन (प्राइवेट ब्रांच) योगेश पाल सिंह कहते हैं, कोविड की वजह से सभी प्राइवेट स्कूल भी बंद हैं और इसी वजह EWS/DG कैटिगरी के एडमिशन नहीं हो पा रहे हैं। हम अगर अभी ड्रॉ निकाल भी देंगे तो पैरंट्स एडमिशन के लिए स्कूल नहीं जा पाएंगे। इसी वजह से यह काम कभी रुका हुआ है। जैसे ही स्कूलों का खुलने का प्लान बनता है, वैसे ही पहला ड्रॉ हम निकाल देंगे। हम केस के कम होने का इंतजार कर रहे हैं। साथ ही, इस महीने हम कोविड की स्थिति की समीक्षा करेंगे, उसके बाद ही हम शेड्यूल तय करेंगे।

कोविड की वजह से पिछले साल भी EWS/DG कैटिगरी का एडमिशन प्रक्रिया देरी से शुरू हुआ था और लॉकडाउन की वजह से कई स्कूलों ने कोई बहाना देकर पैरंट्स को एडमिशन से मना कर दिया था। डिप्टी डायरेक्टर एजुकेशन योगेश पाल सिंह बतताते हैं कि पहले कंप्यूटराइज्ड ड्रॉ से पहले उन स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया जाएगा, जिन्हें पिछले साल स्कूल अलॉट होने के बावजूद एडमिशन नहीं मिला है। जो भी ऐसे वास्तविक मामले हैं, उन्हें हम मौका देंगे। इस बच्चों की इनकी उम्र के हिसाब ही क्लास दी जाएगी।

ईडब्ल्यूएस एडमिशंस जनरल एडमिशन से जुड़े हुए हैं, जैसे जैसे जनरल एडमिशन बढ़ेंगे, वैसे वैसे अलग अलग फेज में कंप्यूराइज्ड ड्रॉ किए जाएंगे।प्राइवेट स्कूलों को ईडब्ल्यएूस/डीजी कैटिगरी के लिए 25% सीटें रिजर्व रखनी होती है मगर इन सभी सीटों को स्कूल 75% ओपन सीटें भरने के बाद ही भरते हैं। वरना जितनी जनरल सीटें भरती हैं, उस संख्या की 25% सीटें भरी जाती हैं। 25% सीटों में 3% सीटें दिव्यांग स्टूडेंट्स के लिए हैं।
कात्यायनी उप्रेती

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